5 SIMPLE TECHNIQUES FOR PARAD SHIVLING

5 Simple Techniques For parad shivling

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श्रीरामचरितमानस मध्यप्रदेश धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

The techniques and rituals connected with the Parad Shivling are actually an integral Portion of Hindu spirituality for centuries, reflecting the deep-rooted traditions and knowledge handed down via generations.

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पारद के शिवलिंग यानी पारदेश्वर महादेव जी की पूजा की इतनी महान महिमा पुराणों और उपनिषदों में बताई गयी है

धातु में चांदी, तांबा और सोने का बना होना चाहिए।

पारदशिवलिंग इतना शक्तिशाली शिवलिंग है की अगर पूजा करने वाले उपासक पर कोई संकट आता है तो यह शिवलिंग स्वयं अपने ऊपर ले लेता है और टुट जाता

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दुनिया भर में सभी पवित्र शिवलिंगों में से सर्वश्रेष्ठ नर्मदेश्वर शिवलिंग को ही माना गया है। इस शिवलिंग की उत्पत्ति पवित्र नर्मदा नदी से होती है। प्राचीन हिन्दू धर्म के अनुसार नर्मदा नदी को शिव जी का वरदान प्राप्त था और इसलिए इस नदी के एक एक कण में शिव का वास माना गया है। यही कारण हैं कि यहाँ से उत्पन्न होने वाले शिवलिंग बेहद पवित्र होते हैं। ऐसी मान्यता है कि नर्मदेश्वर शिवलिंग का जहां वास होता है वहाँ यम और काल का भय नहीं सताता। इसकी स्थापना करने से घर में सुख, समृद्धि और धन का आगमन होता है। इसके साथ ही साथ जीवन में हर दिशा में सफलता भी प्राप्त होती है। नर्मदेश्वर शिवलिंग का दैवीय प्रतीक शिव जी को माना जाता है।

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जहरीला होने के कारण पारे को अष्ट संस्कार करके ही शिवलिंग निर्माण किया जाता है

पूजा स्थल या किसी भी पवित्र स्थल पर शिवलिंग को नंदी और नाग के साथ स्थापित करें।

तो हमारा बस यही उत्तर होता है जितना बड़ा आप लेना चाहे उतना बड़ा आप ले सकते है।  ये किसी भी शास्त्र में नहीं लिखा है कि पारद शिवलिंग अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए या छोटा नहीं होना चाहिए।  आप अपनी श्रद्धा अनुसार पारद शिवलिंग रख सकते है। 

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